बिश्नोई गैंग नहीं, पर्यावरण प्रेमी समुदाय है जो शदियों से दरख़्तों, जीव-जिनावरों की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करते आए हैं...

दरख़्तों जीव-जिनावरों के रखवाले बिश्नोई

बिश्नोई धर्म स्थापना से लेकर अबतक में शायद ही कोई ऐसा दशक हो जिसमें बिश्नोईयोँ ने वन व वन्यजीव रक्षार्थ बलिदान न दिया हो. 

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Bishnoism Culture

बिश्नोईज्म संस्कृति की विचित्रता कि गाथा यही नहीं खत्म होती, बहुत-सी ऐसी माताएं है जिन्होंने मातृत्व विहिन हरिण के बच्चों को अपना दुग्ध पीला कर बड़ा किया।

वैश्विक जगत में प्रकृति का सजग प्रहरी समुदाय के रूप में प्रसिद्ध है। असंख्य बिश्नोई बंधुओं ने अपने धर्म सिद्धांतों पर चलते हुए वृक्ष व वन्यजीव रक्षार्थ कुर्बानियां दी। उनके मन व हृदय में सदैव प्रकृति के लिए सम्मान और उसके लिए मर-मिटने का जज्बा रहा।


29 नियम जो समूचे विश्व में प्रकृति की रक्षा का संचार करते है। बिश्नोई समाज के धर्म सिद्धांत ही बिश्नोईयों की आन है। इन सिद्धांतों के खातिर प्रत्येक बिश्नोई अपना सर्वस्व न्योंछावर को तत्पर रहता है।

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